हाथों में लोहे का भारी घन और उसकी चोट तुम्हें सुनाई नहीं देती, हाथों में लोहे का भारी घन और उसकी चोट तुम्हें सुनाई नहीं देती,
अगली बार ओछी हरकत से पहले यह ध्यान रखना, तुम भी इस तरल से उपजी फसल हो यह ख्याल करना, अगली बार ओछी हरकत से पहले यह ध्यान रखना, तुम भी इस तरल से उपजी फसल हो यह ख्या...
साफ़ नियत पर चलने से ही, जिंदगी फूलों की बारात होती है। साफ़ नियत पर चलने से ही, जिंदगी फूलों की बारात होती है।
अरसे से लोहे के चने चबा रहे हैं अरसे से लोहे के चने चबा रहे हैं
तेरी शरण में इसलिए आई हूं बचा लोगे तो क्या होगा।। तेरी शरण में इसलिए आई हूं बचा लोगे तो क्या होगा।।
नदियों को गंदा न करो जनाब नहीं तो मिट जायेगा, इतिहास नदियों को गंदा न करो जनाब नहीं तो मिट जायेगा, इतिहास